शिव अर्चना
गरज गरज मंतग अंग
सहृर्ष रंग अचल तू..
तूफानों सा खड़ा अड़ा
राह मे बढ़ा चला..
स्फूर्ति संग विरक्त मन
हलाहल विष भरा
शांत सा विशाल घड़ा...
अमृत मन अचल तन
भावपूर्ण भयमुक्त
शमशान निहारता
आत्मा दुलारता...
यम भी झुक गया
तू जब उठ गया..
भोलो का तू सहारा
प्रेम का हैं दुलारा
हमारे मन मे छा गया
बस तू भा गया..
तुझ पर रूके हुए
राह मे डटे हुए
पा गए तुझे हम
तू हैं हमारा दम...
सत्य सा विशाल तन
सुन्दर तुम्हारा मन
तुम ही हमारी शक्ति
तुम से जुड़ी हैं भक्ति...
शिव का नाम हैं अटल
दे दिया तूने बल
आके भर लो बाहों मे
'अक्स' मुक्ति तेरी राहो मे...
ओम से जुड़े हुए
भक्ति से भरे हुए
शिव से बल पाते हम..
..शिव से बल पाते हम..
...शिव से बल पाते हम...
...शिव से बल पाते हम...
ओम नम: शिवाए..
ओम नम: शिवाए..
ओम नम: शिवाए......
...Arun Sharma