भाई को जेवर, सामान मिला हिस्से में,
बहन के हिस्से में पति का प्यार और ससुराल आई
मैं सब से छोटा था इसलिए मेरे हिस्से में माँ आई॥
साथ रहेंगे उम्र भर, यही सोचकर मन में तसल्ली आई
बहन के हिस्से में पति का प्यार और ससुराल आई
मैं सब से छोटा था इसलिए मेरे हिस्से में माँ आई॥
साथ रहेंगे उम्र भर, यही सोचकर मन में तसल्ली आई
खुद कभी स्कूल न देखा, पर हमें पढाया और सींचा
दे गई हमे ऐसी शिक्षा की सीख
जिस से टूट गई हमारे दुःखों की नींव
दे गई हमे ऐसी शिक्षा की सीख
जिस से टूट गई हमारे दुःखों की नींव
पुलिस की नौकरी थी भारी, मेहनत भी थी इसमें खूब सारी
पर माँ से मिले हौंसले से
पार हुई नौका सारी,
पर माँ से मिले हौंसले से
पार हुई नौका सारी,
बच्चों को सँभाला, पत्नी के सर पर हाथ रखा
अकेले ही बन गई हम सब की पक्की सखा
अकेले ही बन गई हम सब की पक्की सखा
और फिर माँ की दुआओं ने वो काम कर दिखाया
मेरे जैसे खोटे सिक्के को भी "अक्स" खूब चलना सिखाया
मेरे जैसे खोटे सिक्के को भी "अक्स" खूब चलना सिखाया
अगर माँ न आई होती मेरे हिस्से में
तो प्यार को समझ न पाता किसी कहानी किस्से में
तो प्यार को समझ न पाता किसी कहानी किस्से में
आज जो भी हूँ सब उसकी मेहनत का नतीजा है
वरना उसके अलावा मेरे जैसे का कोई होता है
वरना उसके अलावा मेरे जैसे का कोई होता है
माँ की याद में,...
1939- 12/2/1994
"Arun Sharma "
11/2/2016
11/2/2016
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