
What is aks- Arun's Reflection: an image in mirror/water is aks but I know it is my body but not me. I stay with stillness of soul not with the time seen in age & appearance of body. This blog is my understanding learnt in various bodies & places in different time zones and circumstances. Whatever I know is not new but just a repeat thought flashing in me. This is grace of Shiv. He has connected all the points & draw this beautiful picture. ALL COPY RIGHTS RESERVED with Author
Monday, April 26, 2021
वामपंथ और सनातन संस्कृति
Saturday, April 24, 2021
कोरोनावायरस पर विजय
Thursday, April 22, 2021
कर हर मैदान फतेह - हम और कोरोनावायरस
कर हर मैदान फतेह-
हम और कोरोनावायरस
कोरोना वायरस आपके घर का दरवाजा खटखटा रहा है, आपके कमजोर और टूटने का इंतजार कर रहा है। आप थोड़ा सा भी कमजोर पड़े तो आप को ढाह देगा तो पॉजिटिव रहे, Things are improvimg. Treatment अच्छे चल रहे हैं, अच्छे रिस्पॉन्स आ रहे है, हर रोज लोग अगर बीमार हो रहे है तो ठीक भी हो रहे हैं, पिछले १०० साल में ऐसी कोई बीमारी महामारी बनकर इतने बड़े स्तर पर नहीं आई थी पर अब आ गई तो लड़ेंगे और जीतेंगे, doctors और सरकार बहुत अच्छा काम कर रही हैं। दिन प्रतिदिन improvement आ रही है, अपने को बचाएं जैसे अभी तक बचा रहे हैं, आज ही मैंने ८/१० लोगों से बात करी जो अपने को अस्वस्थ एहसास कर रहे थे मैंने उन्हें यही कहा कि जो सिचुएशन एक साल पहले थी अब वैसी नहीं है इसी कारण पहले से ज्यादा dreaded वायरस को हम पहले के अच्छे से डील कर रहे हैं। अगर लाकडाउन को अच्छा मानकर घर बैठने का प्लान बना रहे हैं तो यह समझ लीजिए कि आप ने पिछले साल के लाकडाउन में अनुशासित होना नहीं सीखा था और अब यही सामने आ गया इस तरह की लापरवाही से यह १० साल में भी कुछ नहीं बदलने वाला अतः lifestyle बदलिए, ख़ान पान ठीक कीजिए। अपने आपको नेगेटिव मीडिया और कु-प्रचार न्यूज से बचाए, आलतू फालतू चैनल और ऐसे शोशेबाज जो डर का माहौल कहकर आपको डरा रहे है वह आपके मित्र नहीं हैं, सोशल मीडिया पर भिनभिनाने वाले मच्छर और खटमल है, उन्हें खून चूसने की आदत है और वो यही कर रहे हैं, उनसे, उनकी पोस्ट से बचे, वह आपकी पॉजिटिव एनर्जी लेकर आपको भय और चिंता में डूबा कर आपको शेर के सामने बंधी बकरी बनाना चाहते है। अपना खाना पीना ठीक रखे, मास्क इस्तेमाल करें, सफाई का ध्यान रखें, herbs और vitamins लेते रहें। आप अपने परिवार, अपने मित्रों के लिए अमूल्य है और याद रखें कि उन डराने वाले लाशों के सौदागरों को इस बात से घंटा फर्क नहीं पड़ता है आप जी रहे है या मर गए, अपने लिए, अपने परिवार के लिए, अपने मित्रों के लिए, अपने शुभचिंतकों के लिए अपने को मजबूत रखें। विश्वास करें कि यह जीवन नही है, ये केवल एक फेस हैं, जल्द ही ये भी चला जायेगा। यदि आप सभी इस बात से सहमत हैं कि हम कोरोनावायरस के सामने हार नहीं मानेंगे तो ऐसा ही कुछ पोस्ट करें और अपने साथियों को अभिप्रेरित करें।
स्वस्थ रहे, प्रसन्न रहें, सुरक्षित रहें,
ॐ नमः शिवाय
-Arun Rise Sharma
#arunaksarun
Monday, April 19, 2021
यह सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस सैकंड लहर पर क्या बवाल मचा है? (अप्रैल २०२१)
Sunday, April 18, 2021
आंतकवाद और वामपंथ (नक्सलवाद) का आपस में क्या संबंध है?
Saturday, April 17, 2021
आजकल सोशल मीडिया पर मंदिर-अस्पताल क्या चल रहा है? (April-2021)
Whether Lockdown/ Janta Curfew a solution to Covid-19 Pandemic in 2021? ( in English and हिंदी )
३००० वर्ष पहले जब हमारे पूर्वज शिकारियों और खानाबदोशों का जीवन व्यतीत करते थे तो उन्हें प्रत्येक दिन जंगलों में यह जानकारी होने के बावजूद कि जंगल एक अज्ञात खतरों से भरा क्षेत्र हैं, वन्य जीव जंतु उन्हें अपना भोजन बनाने के लिए मार सकते हैं, घायल कर सकते हैं, भोजन और अन्य आवश्यकताओं जैसे शहद, ईंधन, पोषण आहार को पूरा करने के लिए जाना पड़ता था क्योंकि उनके पास कोई और पर्याय नहीं था। प्रत्येक व्यक्ति को जीवित रहने के लिए भोजन की व्यवस्था करनी पड़ती थी और यही आधारभूत प्रश्न सबसे सामने था।
वह सब विशेष तौर पर सावधान और किसी भी जान जोखिम वाली स्थिति, आपदा और अपने आप को बचाने के लिए हमेशा तैयार रहते थे । वर्तमान समय में हमारे सामने भी ऐसी परिस्थिति है और एक वायरस बाहर हमें लापरवाह पाते ही हमारा अंत करने के लिए हमारी प्रतीक्षा कर रहा है तो अब हमारे सामने यक्ष प्रश्न है कि क्या हम घर के अंदर रहें और अर्थव्यवस्था को बंद कर दें और वायरस के शांत होने की प्रतीक्षा करें अन्यथा हम अपने अनुभव से सीखते हुए अपने आप को सावधान और सतर्क, शारारिक क्षमताओं को पोषक तत्वों से शक्तिशाली बनाते हुए वायरस से युद्ध कर उसे परास्त करें।
लाकडाउन अथवा जनता कर्फ्यू वर्तमान समय में महामारी से संघर्ष करने का सही तरीका नहीं है। हां, यह २०२० में था जब इसे इसलिए लागू किया गया था क्योंकि हम इस प्रकार की परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं थे। लाकडाउन का उद्देश्य उस समय हमें ऐसी विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार करना, अनुशासित करना और परिवर्तित परिस्थितियों के अनुरूप नये जीवन पद्धति के अनुसार ढालना था। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी रखना, जन समूहों से बचना, पोषित आहार, घर पर ज्यादा समय रुकना, परिवार और निकटतम परिजनों के साथ समय व्यतीत करना, योग करना, शारारिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए नियमित अभ्यास, ध्यान करना ठीक प्रकार से अपने को सुरक्षित और स्वस्थ रखना यह सब आवश्यक हो गये थे।
जिन्होंने यह सीख लिया है और इसका नियम अपने जीवन में उतार लिया और लापरवाही छोड़कर सही ढंग से सावधानी और सुरक्षा को अपना लिया है वह समय के साथ आगे बढ़ना सीख गये और ऐसे जिन्होंने यह सीख नहीं ली है और अभी भी पुरातनी जीवन पद्धति जिसमें जोखिम भरा है, जी रहे हैं, वह और उनके परिजन वायरस के खतरों से घिरे हुए हैं। यदि समय रहते वह समझ लेंगे तो अच्छा अन्यथा प्रकृति उन्हें उनके खिलंदड़े स्वभाव के लिए सहन नहीं करने वाली है और उन्हें अपने सख्त तरीके से रास्ते पर ले आयेगी या उन्हें छोड़ कर आगे बढ़ जायेगी।
अतः लाकडाउन आज के समय में अनावश्यक हैं। अपनी आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, जीवित रहने के लिए और जीवनचर्या को चलाने के लिए जीविका कमानी पड़ेगी। सरकार हर समय चेरिटी पर नहीं चल पायेगी। इसका अपना कोई भी आय स्त्रोत नहीं है और यह पूरी तरह से हम पर ही निर्भर करती है। लोकतंत्र और मानवीय जीवन सन्तुलन बनाए रखने के लिए हम सब परिश्रम से आय अर्जित करें और स्व निर्भर बनें। कोई भी, कहीं भी किसी को भी हमेशा बिना मतलब के पानी भी नहीं पिलायेगा, मुफ्तखोरी की कोई गुंजाइश नहीं होती है और जिसे यह बात समझ नहीं आयेगी वह समय के साथ धूल का फूल बन जायेगा।
इसलिए कृप्या अपना ध्यान रखें, स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें, भगवान शिव का आशीर्वाद हम सब पर हमेशा बना रहे।
-अरुण अभ्युदय शर्मा
#अरुणअभ्युदयशर्मा
Friday, April 16, 2021
Why Freebies schemes are hindrance to Society'and Nation
Tuesday, April 13, 2021
नव वर्ष और नवरात्रि महोत्सव
Sunday, April 11, 2021
कोरोनावायरस सैकंड लहर- क्या करें?
मन और मोक्ष
सेक्युलरिज्म और हम
Sunday, April 4, 2021
3 Basic Questions related to our Existence
I am one of best piece created by the virtue of the creator of the realisation of the formless omnipresent, omnipotent Brahman.
I will renounce this corporeal form and depart from time to time in the divine light form and merge with the real world creator and will flow in the form of true source of knowledge of the formless Brahm.
-अरुण अभ्युदय शर्मा
-Arun Rise Sharma
#arunaksarun
कुछ खोकर पाना है
Thursday, April 1, 2021
Who is Brahmin
Who is Brahmin?
Brahmin doesn't specify particular community or society in ancient Sanatan texts nor imply a caste, but simply the sages and wise ones who are "masters" (experts), guardian, recluse, preacher or guide of any knowledge, I repeat knowledge again, imparting gyan and learning, exploring practical aspects, making people aware about improving life and its blissfulness through invention & preserving traditional cultural heritage and values are "BRAHMIN".
-Arun Rise Sharma
#arunaksarun