Saturday, April 17, 2021

आजकल सोशल मीडिया पर मंदिर-अस्पताल क्या चल रहा है? (April-2021)

आजकल सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है? (April-2021) 
आजकल सब लोग हास्पिटल पर दबा के ज्ञान पेल रहे हैं, और खूब सरकार को कोसकर अपनी भड़ास निकालने लगे हैं, ये वही लोग हैं जो वोट वाले दिन धूप तेज हैं कहकर बिना नहाय-धोय बिस्तर में पड़े रहते हैं और केवल हगने-मूतने के लिए अहसान जताते हुए उठते हैं और वहीं लोग २०१९ तक हास्पिटल की चार दीवारी पर रात को शराब पीकर मूत के जाते थे और गाहे-बगाहे सरकारी अस्पताल में जाकर डाक्टरों से हाथापाई करके अपनी दसवीं में ३४% नम्बर पर बापू के जूते से पिटे जाने की खुन्नस निकालने में लगे रहते थे। उन लोगों के लिए मुफ्त का ज्ञान हैं कि इकोनोमिक्स में एक PPC - Production possibility curve होता है जिसमें बताया गया है कि उत्पादन करने की सीमा होती है और उसके संसाधन जैसे मशीन, प्लांट, वित्त सीमित होते हैं और यह डिसाइड करना पड़ता है कि क्या जरूरत है और क्या चाहिए अर्थात या तो उन साधनों से बंदूक बना लो या ब्रेड क्योंकि सारे साधन एक साथ नहीं लगाये जाते हैं अतः दोनो का एक साथ उत्पादन भारी मात्रा में नहीं होगा, आपको लेबर, कोस्ट, मांग, सप्लाई के आधार पर अपनी priority सोचनी होगी, आपके पास जगह, मशीन, गिराहक सीमित है और उनकी खरीदारी क्षमता भी सीमित है। जब जिस चीज की जरूरत थी वो बना रहे थे, अब जरुरत बदल गयी तो production भी बदल जायेगा, ये किसको पता था कि २०२० में वुआन सबको ऐसा पेल देगा कि मुंह से मास्क और हाथ से सेनेटाइजर की शीशी नहीं छूटेगी। तो मंदिर-मंदिर खेलना बंद करो और मुंह बंद रखना सीखकर सरकार को कोसने के बजाय ( जो बहुत बढ़िया काम कर रही है) नहाकर, टूथपेस्ट करके आओ, कपड़े-वपड़े बदलो, जनता कर्फ्यू या लाकडाऊन का मतलब बिस्तर पर पड़ा रहना नहीं और अपने रिश्तेदारों को सफाई, सावधानी का व्यवहार करने को बोलो। मास्क-वास्क पहनों, समझें चिचा।
-Arun Rise Sharma
#arunaksarun 

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