नव वर्ष और नवरात्रि महोत्सव
जीवन संक्षिप्त यात्रा हैं। भोर के सूर्य उदय के प्रकाश में घटनाक्रम से होकर घटना-चक्र से गुजरती हुई कब में इस जीवन की संध्या हो जाती हैं यह पता भी नहीं चलता है और नवीन चक्र आकर अपने साथ ले चलता है। यही वह सत्य स्त्रोत हैं और परस्पर गुंथा है। काल चक्र में परिक्रमा करना ही आत्मतत्व की नियति है तो आइये इस नव वर्ष में एक और मंगलमय यात्रा का आरंभ करें और समाज और संस्कृति से अपने आप को जोड़े।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।
ऊँ शांतिः शांतिः शांतिः
नव वर्ष और नवरात्रि महोत्सव पर शुभकामनाएं और बधाई ❤️❤️❤️
-अरुण अभ्युदय शर्मा
#arunaksarun
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